14 नवंबर 2025 की सुबह एमसीएक्स पर सोने-चांदी के दाम बेहद सीमित दायरे में कारोबार करते नजर आए। सोना 10 ग्राम का भाव 126760 रुपये पर लगभग स्थिर रहा और सिर्फ 0.01% की हल्की बढ़त दिखी। दिन में इसका लो 126700 और हाई 127048 रुपये रहा। वहीं चांदी में भी कोई बदलाव नहीं दिखा और यह 1 किलो का भाव 162470 रुपये पर स्थिर रही। दोनों धातुएं अपने जीवनकाल के ऊपरी स्तरों से काफी नीचे कारोबार कर रही हैं, जबकि ट्रेडिंग सेशन में दाम सीमित दायरे में ही बने रहने के संकेत मिल रहे हैं।
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गोल्ड और सिल्वर का नया बुलिश ट्रेंड
- हाल ही में गोल्ड में 2.04% और सिल्वर में 4.66% की तेजी देखी गई है। सिल्वर अपने ऑल टाइम हाई के पास है, वहीं गोल्ड भी 4200 डॉलर के करीब पहुंच चुका है। दोनों में लंबी तेजी के संकेत हैं, हालांकि रास्ते में उतार-चढ़ाव बने रहेंगे।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार एकदम सीधा नहीं भागता, उसमें झटके आते हैं, लेकिन लंबे समय में बुलिश ट्रेंड मजबूत दिखाई दे रहा है।
सिल्वर डिमांड का असली गेम
- सिल्वर की डिमांड में बड़ा बदलाव, खासकर इंडस्ट्रियल यूज में – Samsung ने नई EV बैटरी में 1 किलोग्राम सिल्वर इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। यह इनोवेशन 2027 से लागू होगा।
- इस बैटरी के फायदे:
- 1000 किमी से ज्यादा की रेंज (600 माइल्स)
- मात्र 9 मिनट में 80% चार्जिंग
- बैटरी लाइफ 20 साल
- सिर्फ प्रीमियम गाड़ियों में उपयोग
- अनुमान है कि अगर सिर्फ 20% EVs में इस बैटरी का यूज हुआ तो 16,000 टन तक सिल्वर की नई डिमांड पैदा होगी।
- सप्लाई-डिमांड गैप अभी भी 5000-6000 टन है, जो भविष्य में और बढ़ सकता है। अगर 40% EVs में सिल्वर का इस्तेमाल हुआ, तो मौजूदा सालाना माइनिंग की पूरी सप्लाई खत्म हो जाएगी और कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
वैश्विक बदलाव और वर्ल्ड ऑर्डर
- तीन सेंट्रल बैंक (रूस, सऊदी अरब, भारत) अब सिल्वर ETF खरीद रहे हैं – IMF से अगर सिल्वर रिजर्व एसेट घोषित हो गया तो अन्य सेंट्रल बैंक में भी खरीददारी संभव।
- वर्ल्ड ऑर्डर बदल रहा है – चाइना की इकोनॉमिक कामयाबी और अमेरिका का गिरता दबदबा इसकी मिसाल है। जैसे-जैसे ग्लोबल पावर ट्रांसफर होता है (जैसा इतिहास में रोम, ग्रीस, ब्रिटेन और डच के साथ हुआ), गोल्ड–सिल्वर जैसी कमोडिटीज़ में निवेश को लेकर बड़ा बदलाव आता है।
- चीन के पास आज इनोवेशन, ट्रेड शेयर, फाइनेंशियल पावर, और आरक्षित मुद्रा (युआन) बढ़ रही है। इसका असर गोल्ड-सिल्वर की डिमांड और कीमतों पर दिखेगा।
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट टिप्स
- गोल्ड–सिल्वर के निवेश को पोर्टफोलियो का 20% से ज्यादा ना बढ़ाएं (छोटे निवेशकों के लिए 10% सीमा और बेहतर)।
- जब तेजी के कारण इनका वेटेज बढ़ जाए तो कुछ हिस्से बेचकर बैलेंस करें, और गिरावट में फिर से खरीदकर 20% संतुलन रखें।
- निवेश में डर और लालच से बचें, भीड़ का अनुसरण ना करें; किसी भी टिप या खबर पर निवेश से पहले अपने SEBI रजिस्टर्ड एनालिस्ट से सलाह लें।
रिटेल बाजार में क्या है सोने-चांदी का हाल?
दिल्ली के सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोने और चांदी की कीमतों में एक ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला। सोने के भाव में एक ही दिन में 3,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की तूफानी तेजी आई, जिसने निवेशकों को भी हैरान कर दिया। चांदी ने भी सोने का साथ दिया और 7,700 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हो गई। इस जोरदार तेजी के पीछे मजबूत अंतरराष्ट्रीय संकेतों और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी को मुख्य कारण बताया जा रहा है।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 3,000 रुपये बढ़कर 1,30,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। यह सोने का लगातार तीसरा कारोबारी दिन था जब कीमतों में बढ़त दर्ज की गई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में, यानी बुधवार को, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,27,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। वहीं, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव भी 3,000 रुपये उछलकर 1,27,300 रुपये से 1,30,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
चांदी की कीमतों में सोने से भी बड़ी आग देखने को मिली। चांदी का भाव बृहस्पतिवार को 7,700 रुपये बढ़कर 1,69,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गया। बुधवार को चांदी 5,540 रुपये बढ़कर 1,61,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
क्यों आई यह ऐतिहासिक तेजी?
इस अभूतपूर्व तेजी के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय कारण काम कर रहे हैं। सबसे बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर की कमजोरी है। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.30 पर आ गया। डॉलर में यह गिरावट डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा 43 दिनों के रिकॉर्ड ‘शटडाउन’ को समाप्त करने के लिए एक विधेयक पारित करने के बाद आई। कमजोर डॉलर से सोने जैसी कीमती धातुओं की कीमतों को सीधा समर्थन मिलता है। कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी ‘शटडाउन’ की समाप्ति ने भी सोने की सुरक्षित-निवेश के विकल्प के तौर पर अपील को मजबूत किया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी जोरदार उछाल
घरेलू बाजार की यह तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजारों को ही दर्शा रही है। अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में सोना 41.19 डॉलर, यानी 0.98 प्रतिशत बढ़कर 4,236.84 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं, विदेशी व्यापार में हाजिर चांदी 1.13 प्रतिशत बढ़कर 53.86 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
एक्सपर्ट्स ने बताए तेजी के कारण
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि सर्राफा बाजार में यह तेजी जारी रही, जिसे कमजोर डॉलर का बड़ा समर्थन मिला। इसके अलावा, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (अमेरिका) के कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़ों के बाद ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं, जिससे सोने की चमक बढ़ी है।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘शटडाउन’ के कारण हुई आंशिक नकदी की कमी को दूर करने के लिए फेडरल रिजर्व द्वारा बैंकिंग प्रणाली में और अधिक धन (लिक्विडिटी) डालने की संभावना है। इस कदम का कीमती धातुओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सौमिल गांधी ने चांदी पर खास टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सप्ताह चांदी में जोरदार उछाल आया है और यह अब तक 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी है। इस उछाल के पीछे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें, आपूर्ति संबंधी चिंताएं, मजबूत औद्योगिक और निवेश मांग, और मजबूत तकनीकी गति जैसे कई कारक शामिल हैं। हालांकि, पीएल कैपिटल के रिटेल ब्रोकिंग एवं वितरण के सीईओ और निदेशक संदीप रायचुरा ने थोड़ी सतर्क राय दी। उन्होंने कहा कि वैश्विक तनाव कम हो गया है और भारत तथा अन्य प्रमुख देशों के साथ अमेरिका के समझौतों के कारण आगे चलकर कुछ मुश्किलें आ सकती हैं, जिससे सर्राफा कीमतों पर लगाम लग सकती है।
निष्कर्ष
गोल्ड–सिल्वर दोनों लंबी रेस के घोड़े हैं, लेकिन इनकी पोर्टफोलियो हिस्सेदारी में अनुशासन रखें। वर्ल्ड ऑर्डर के बदलते माहौल में, कमोडिटी निवेश, इंडस्ट्रियल डिमांड और ग्लोबल पॉवर शिफ्ट जैसी चीजें कीमतों की चाल में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। निवेश करते वक्त हमेशा रिसर्च पर और अपने रजिस्टर्ड एनालिस्ट की सलाह पर भरोसा करें।
⚠️ अस्वीकरण
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। व्यक्त किए गए विचार और राय व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकरेज फर्मों के हैं और GoldSilverReports.com के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी निवेश या ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले प्रमाणित वित्तीय विशेषज्ञों से परामर्श लें।