30 जून को जारी एक सरकारी नोटिस के अनुसार, भारत ने सोने पर मूल आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। यह कदम भारत के सोने के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कीमती धातु उपभोक्ता के रूप में सोने की आमद को कम करने के लिए उठाया गया है। बढ़ते व्यापार घाटे ने रुपये को रिकॉर्ड निचले स्तर पर धकेल दिया। यह पिछले साल के केंद्रीय बजट प्रस्तावों का उलट है, जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर सीमा शुल्क को 12.5% से घटाकर 7.5% करने की घोषणा की थी। उस समय सोने पर कुल शुल्क 10.75% था, जिसमें उपकर, सामाजिक कल्याण अधिभार और जीएसटी शामिल थे।
अब आयात शुल्क में 5 फीसदी की बढ़ोतरी से सोने पर लगने वाला कुल शुल्क 15.75 फीसदी हो जाएगा। भारत अपनी अधिकांश सोने की मांग को आयात के माध्यम से पूरा करता है, जो रुपये पर दबाव डाल रहा था, जो इस सप्ताह की शुरुआत में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से घरेलू स्तर पर सोना और महंगा हो जाएगा और उपभोक्ता को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। skynet trading solutions के उपाध्यक्ष अरुण यादव ने goldsilverreports.com को बताया, “सरकार ने आयात पर अंकुश लगाने और आयात-निर्यात टोकरी में संतुलन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है।”