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सोने का गोल्डन रन, क्या अब भी बाकी है निवेश का मौका!

MCX पर सोने ने नया रिकॉर्ड स्तर बनाया है। COMEX पर सोना 7 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। कोरोना वायरस के कारण सोने में सेफ हेवन डिमांड बनी हुई है। इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए चीन ने दरें घटाईं हैं। पिछले 1 साल में सोने ने दिए करीब 25 प्रतिशत रिटर्न दिये हैं।

गोल्ड में निवेश

सोने में निवेश महंगाई का सुरक्षा कवच माना जाता है। अनिश्चित माहौल में सोने में निवेश बेहतर होता है। पोर्टफोलियो में गोल्ड होना अहम बात होती है। पोर्टफोलियो में 10-15 प्रतिशत ही निवेश गोल्ड में करना चाहिए। गोल्ड बॉन्ड, ETF में निवेश सही रणनीति है। गोल्ड बॉन्ड में 2.5 प्रतिशत ब्याज भी मिलता है।

सोने में निवेश के विकल्प
गोल्ड बार, सिक्के और ज्वेलरी
गोल्ड ETF
गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड सेविंग स्कीम

Read More : गोल्ड में निवेश क्यों करें ?

गोल्ड सेविंग फंड

गोल्ड सेविंग फंड में SIP कर सकते हैं। गोल्ड सेविंग फंड किसी MF से खरीद सकते हैं। हर गोल्ड सेविंग फंड की NAV एक जैसी होती है। गोल्ड सेविंग फंड में ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज नहीं लगता है।

गोल्ड बॉन्ड में निवेश

यह गोल्ड बॉन्ड सरकार की ओर से RBI जारी करता है। इसे डीमैट फॉर्म में रखने की सुविधा होती है। गोल्ड बॉन्ड NSE, BSE पर ट्रेड होता है। कोई एक्स्ट्रा या हिडन चार्ज नहीं होता है। इसमें सोने की शुद्धता की परेशानी नहीं होती है। इस पर रनिवेशकों को सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज भी मिलेगा। इसमें निवेश करने से हर छमाही में निवेशक को ब्याज मिलता है।

गोल्ड ETF

गोल्ड ETF एक्सचेंज में ट्रेड होता है। गोल्ड ETF की यूनिट में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ETF के दाम अलग-अलग हो सकते हैं। गोल्ड ETF में ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज लगता है।