Gold Silver Reports — The dollar benefited last week from comments from various Federal Reserve officials regarding the potential for an interest rate increase at the March 14-15 FOMC meeting.
FOMC Meeting Date March 14-15 | Gold Silver Reports | Neal Bhai Reports
9 मार्च से सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी तनाव में हैं। हम समझते हैं कि ये एग्जाम का टेंशन है। लेकिन असल में ये टेंशन सही अप्रोच की कमी से पनपता है और समझदारी से काम लिया जाए तो इसे कंट्रोल भी किया जा सकता है। नहीं तो ये टेंशन कोई ना कोई परेशानी जरूर खड़ी करेगा।
सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम शुरू होते ही बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स भी टेंशन में आ जाते हैं। इसकी वजह से परीक्षा पर बच्चों के प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ता है। कई बार बच्चे एग्जाम में अच्छे प्रदर्शन का दबाव, पड़ोसी के बच्चे से ज्यादा नंबर लाने का टार्गेट जैसी वजहों से बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं और कई बार वो गलत कदम उठा लेते हैं।
बच्चों को तनावमुक्त रखने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने परीक्षा के दौरान बच्चों को ब्रेक देने का फैसला किया है। ताकि बच्चों को स्नैक्स दिया जा सके। इस बार बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर 1800118004 नंबर जारी किया है। इस नंबर पर कॉल करके अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। बोर्ड ने बच्चों को सलाह देने के लिए 68 प्रशिक्षित काउंसलरों की नियुक्ति की है। ये सेवा 9 फरवरी से शुरू होकर 29 अप्रैल तक उपलब्ध रहेगी।
इससे बच्चों को राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन हर साल परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए ये इंतजाम नाकाफी लग रहे हैं।
इस बार दसवीं की परीक्षा में करीब एक लाख 67 हजार छात्र शामिल हो रहे हैं, जो 2016 से करीब 12 फीसदी ज्यादा हैं। वहीं एग्जाम सेंटर्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। ये 3742 से बढ़कर 3974 हो गई। स्कूलों की संख्या भी 15286 से बढ़कर 16354 हो गई है। बारहवीं की बोर्ड परीक्षा की बात करें तो इसमें शामिल होने वाले छात्रों की संख्या 10 लाख 65 हजार 179 से बढ़कर करीब 11 लाख हो गई है।
एग्जाम के दौरान अपने बच्चों की टेंशन पहचानने के कई तरीके है। जिसमें बच्चों पर दबाव, तनाव, घबराहट का एहसास पहले ही दिखाई देने लगता है और उनमें निराशा, गुस्सा, थकान, डर, बुखार, तेज सांसें, अनिद्रा, पीठ दर्द, भूख ना लगना, पेट खराब होना, कब्ज जैसे कई लक्षण दिखाई देते है। इससे बच्चों पर खराब असर पड़ता है जैसे उनमें कमजोर मेमोरी, कंसंट्रेशन में दिक्कत, चिंता, तनाव, प्रश्नों को समझने में चूक, ध्यान लगाने, काम पूरा करने में दिक्कत होती है।
जानकारों का कहना है कि बच्चों को एग्जाम की टेंशन से बचने के लिए बच्चे अपने आप को अपने परिवार और दोस्तों पर भरोसा रखें। पढ़ाई शुरू करने से पहले मूड फ्रेश करें और यह समझना बहुत जरुरी है कि उनके लिए फुर्सत के क्षण भी जरूरी हैं। इतना ही नहीं माता- पिता भी बच्चों की टेंशन दूर करने के लिए म्यूजिक, व्यायाम, मनोरंजन का सहारा लें। क्योंकि टेंशन की पहचान और उसपर नियंत्रण करना संभव है। बच्चों जंक फूड से बचाएं और सुबह का नाश्ता ना छोड़ने दें। टाइम-टेबल बनाएं और उसका पालन करें।
बच्चों के माता-पिता पर ये जिम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को तनावमुक्त रखने की पूरी कोशिश करें और उनपर दबाव ना डाला जाएं।