RBI बैठक में ब्याज दर, UPI पेमेंट लिमिट पर बड़ा फैसला

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की चली 6-8 दिसंबर की बैठक में कई फैसलों समेत जरूरी बातें सामने आई हैं. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों (repo rate) में कोई बदलाव नहीं किया है. जीडीपी को लेकर अनुमान बताया और महंगाई को लेकर भी जरूरी बातें बताईं. साथ ही UPI पेमेंट की लिमिट बढ़ाई, आइए समझते हैं सबकुछ.

ब्याज दरों में बदलाव नहीं: आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, यानी ब्याज दरें 6.5 फीसदी पर बनी रहेगी. आरबीआई ने अप्रैल 2023 से दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई का बोझ न तो बढ़ाया गया है और ना ही घटा है. हालांकि बैंक की जमा (FD) पर ज्यादा ब्याज मिलेगा.

GDP का अनुमान: रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2024 (2023-24) के लिए जीडीपी का अनुमान बढ़ा कर 7 फीसदी कर दिया है, पहले ये अनुमान 6 फीसदी पर था. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी है इस वजह से अर्थव्यस्था अच्छी रहेगी.

महंगाई का अनुमान: वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई को लेकर अनुमान भी बरकरार है. केंद्रीय बैंक के अनुसार, महंगाई दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान है. आरबीआई का टारगेट है महंगाई दर 4 फीसदी या इससे कम रहे लेकिन ऐसा होतो फिलहाल नहीं दिख रहा है यानी महंगाई बने रहने के आसार ज्यादा हैं.

UPI पेमेंट में बदलाव: RBI ने UPI से पेमेंट करने की लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया है लेकिन ये लिमिट केवल मेडिकल और एजुकेशन उद्देश्य के लिए ही है. इसका मतलब है कि आप एक बार में अस्पताल या किसी शैक्षिक संस्थान जैसे कॉलेज या युनिवर्सिटी में 5 लाख रुपये तक का UPI पेमेंट एक बार में कर सकते हैं. फिलहाल जो UPI पेमेंट हो रहे हैं उसकी लिमिट एक लाख रुपये तक है, यानी आप एक बार में किसी को भी एक लाख से ज्यादा UPI नहीं कर सकते. हालांकि शेयर बाजार, इंश्यॉरेंस जैसे पेमेंट के लिए ये लिमिट 2 लाख रुपये हैं और किसी कंपनी के IPO के लिए आप UPI करते हैं तो 5 लाख रुपये तक की लिमिट तय है.

Spread the love

Educating people by helping them understand the benefits of precious metals as part of their portfolios.

Leave a Comment