अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सर्वसम्मति से लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। फेड ने 5.25-5.50% की टार्गेट रेंज में दरें बरकरार रखी हैं। US में ब्याज दरें 22 साल की ऊंचाई पर हैं। फेड ने बढ़ती यील्ड पर चिंता जताई है। फेड के मुताबिक ट्रेजरी यील्ड्स में लगातार बढ़ोतरी का असर इकोनॉमी और महंगाई पर पड़ सकता है।
‘सख्त फाइनेंशियल परिस्थिति और हाउसहोल्ड, बिजनेसेज के लिए क्रेडिट स्थिति टाइट होने की वजह से इकोनॉमिक एक्टिविटी, हायरिंग और महंगाई पर दबाव पड़ सकता है,’ FOMC ने जारी किए अपने स्टेटमेंट में कहा.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा कि तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधि मजबूती से बढ़ी है. हाल के महीनों में जॉब्स की रफ्तार धीमी हुई थी लेकिन अभी मजबूती बनी हुई है. फेडरल रिजर्व ने बताया कि बेरोजगारी दर में कमी आई है, लेकिन महंगाई अब भी ज्यादा है. फेड ने कहा US बैंकिंग सिस्टम की स्थिति अभी मजबूत है और कमिटी महंगाई पर नजर बनाये हुए है.
फेड के फैसले के बाद
फेड के फैसले के बाद अमेरिकी बाजार और बॉन्ड्स में तेजी आई. S&P 500 1% की बढ़त के साथ दिन के उच्चतम स्तरों पर पहुंचा. हालांकि यील्ड्स में नरमी देखी गई. 10-साल US यील्ड 15 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट से साथ 4.78% तक पहुंचा. निर्णय के बाद सोना गिरकर $1,970 हो गया।
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल प्रेस कॉन्फ्रेंस
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया कि 2% महंगाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कमिटी प्रतिबद्ध है और डेटा के हिसाब से हर संभव कदम उठाते रहेंगे. पॉवेल ने कहा 2% महंगाई के लक्ष्य से अभी हम बहुत दूर हैं, ‘रेस्ट्रिक्टिव’ पॉलिसी स्टांस के कारण इकोनॉमी पर डाउनवर्ड प्रेशर भी है. लॉन्ग-टर्म यील्ड्स में बढ़ोतरी पर फेड की कड़ी नजर है लेकिन पॉवेल ने साफ किया कि दरों में बढ़ोतरी की आशंका के कारण यील्ड नहीं बढ़ रही हैं. पॉवेल ने ये भी कहा कि 2022 की दरों में बढ़ोतरी का असर अब दिखने लगा है इसलिए फिलहाल दरों पर फैसलों की रफ्तार कम की है ताकि इकोनॉमी पर पूरा असर दिख सके.
जेरोम पॉवेल प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें:
- 2% महंगाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध
- पॉलिसी स्टांस ‘रेस्ट्रिक्टिव’, प्राइस स्टेबिलिटी जरूरी
- लॉन्ग-टर्म यील्ड्स में बढ़ोतरी पर फेड की कड़ी नजर
- अगली पॉलिसी के रुख पर अभी फैसला नहीं किया है
- दरों में कटौती पर फिलहाल न कोई चर्चा, न ही विचार
- यूक्रेन, इजरायल समेत ग्लोबल जियोपॉलिटिकल टेंशन ज्यादा
- इजरायल-हमास युद्ध का कच्चे तेल पर असर नहीं दिखा है
- जियोपॉलिटिक्स, ग्लोबल हालातों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं
- ग्लोबल स्थिति का मैक्रो इकोनॉमिक असर अभी साफ नहीं
Source: US Fed Chair Press Conference