Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Home » Commodity News » Gold Price in 2021: सोना खरीदने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा, अगले साल 63 हजार रुपये तक पहुंच सकती है कीमत!

Gold Price in 2021: सोना खरीदने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा, अगले साल 63 हजार रुपये तक पहुंच सकती है कीमत!

Gold Price in 2021: पिछले साल भी सोना महंगा हुआ था, इस साल भी हुआ है और अगले साल भी होगा। अगले साल (Gold Price in new year) सोने 63 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर छू सकता है। इसकी जानकारी दी है एचडीएफसी सिक्योरिटीज के तपल पटेल ने। तो अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।

Gold Price in 2021: इस साल सोने में तगड़ी बढ़त देखने को मिली, पिछले साल भी सोना खूब चमका था और अब खबर ये है कि अगले साल (Gold Price in new year) भी सोने की चमक बढ़ेगी। अभी सोना 50 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है, लेकिन अगले साल यानी 2021 में इसमें शानदार तेजी आने की संभावना है। माना जा रहा है कि सोने के लिए 2021 बहुत ही अच्छा रहेगा और सोना सारे रेकॉर्ड तोड़ता हुआ 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के करीब पहुंच सकता है। यानी अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं तो इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।

HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल का कहना है कि सोने में अगले साल शानदार तेजी रह सकती है। ग्लोबल इकनॉमिक रिकवरी की चिंताओं को देखते हुए 2021 में सोने के लिए कॉमेक्स पर टारगेट 2,150 डॉलर और 2,390 डॉलर प्रति औंस है। वहीं दूसरी ओर भारत में MCX पर सोने का टारगेट 57 हजार रुपये और 63 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम है।

2020 में 28 फीसदी महंगा हुआ सोना

ये साल सोने के लिए बहुत ही शानदार (Gold Price in 2020) साबित हुआ है। इस साल अब तक सोने की कीमत करीब 28 फीसदी तक बढ़ी है। अगस्त के महीने में तो सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड ही बना दिया था और अपना ऑल टाइम हाई का स्तर छू लिया था। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत बढ़ी है। इस साल वैश्विक बाजार में भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ है। इससे पहले 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में थी, इस बार भी सोने दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में है।

क्यों बढ़ी इतनी अधिक कीमत

इस साल सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। इस स साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।

अगस्त में छुआ ऑल टाइम हाई, 10 फीसदी तक गिरा भी

सोने ने अगस्त के महीने में अपना ऑल टाइम हाई छू लिया था। सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा पहुंचा था। चांदी ने भी अगस्त में अपना ऑल टाइम हाई छुआ था और वह 77,840 रुपये प्रति किलो के करीब जा पहुंची थी। हालांकि, अगस्त में ही बड़ी गिरावट भी आई और सोना अगस्त महीने में करीब 10 फीसदी तक लुढ़का। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कोरोना वायरस वैक्सीन की खबरें आने लगी थीं, जिसके चलते लोगों ने फिर से शेयर बाजार समेत बाकी रिस्की प्लेटफॉर्म्स का रुख करना शुरू कर दिया था।

क्यों आ रही है सोने में गिरावट?

कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल इकनॉमी में सुधार और अमेरिका-चीन के बीच तनाव कम होने से निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।

क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

Gold Price in 2021 अगले साल कैसी रहेगी सोने की चाल

भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं। सोने की कीमतें करीब 56,200 रुपये के उच्चतम स्तर तक गई थीं। उसकी वजह थी कोरोना वायरस की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे, क्योंकि ये निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। लेकिन जैसे ही कोरोना वैक्सीन की घोषणा हुई, देखते ही देखते सोने में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है और गिरते-गिरते सोना 47 हजार के करीब भी जा पहुंचा। अभी सोना 50 हजार के स्तर के आस-पास कारोबार कर रहा है। ऐसे में निवेशकों में अगले साल यानी 2021 में सोने की चाल को लेकर चिंता है कि सोना कैसा कारोबार करेगा।

उदासीन बनी रहेंगी सोने की कीमतें: एक्सिस सिक्योरिटीज़

एक्सिस सिक्योरिटीज़ के अनुसार 2021 में भी सोने की कीमतें उदासीन रवैये वाली रहने की संभावना है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपने एक नोट में कहा कि सोने में अचानक इसलिए गिरावट आई, क्योंकि कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में सकारात्मक खबरें आने लगीं। इसकी वजह से अब निवेशक अधिक रिस्क वाले विकल्पों का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि इन दिनों शेयर बाजार हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि आने वाले वक्त में भी सोने पर दबाव बना रहेगा, जिसकी वजह से उसकी कीमतें अधिक नहीं बढ़ेंगी और उदासीनता दिखाएंगी।

बिटक्वाइन के साथ-साथ बढ़ेंगी सोने की कीमतें: गोल्डमैन सैक्स

गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि सोने और बिटक्वाइन की कीमतों में बदलाव साथ-साथ होगा और क्रिप्टोकरंसी से सोने को कोई खतरा नहीं है।। इन्वेस्टमेंट बैंक ने कहा है इन दिनों सोने के खराब प्रदर्शन को देखते हुए निवेशक चिंतित हैं। उन्हें तो ये भी लग रहा है कि बिटक्वाइन को अब सोना रिप्लेस कर देगा। ऐसे में गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि बिटक्वाइन की बढ़ती लोकप्रियता से सोने के कोई खतरा नहीं है।

आने वाले वक्त में महंगा होगा सोना: क्रेडिट सुईस

क्रेडिट सुईस ने को उम्मीद है कि सोना आगे की तरफ बढ़ता रहेगा। उम्मीद है कि 2021 में जुलाई-सितंबर तिमाही तक सोने की कीमतें 2200 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएंगी। हालांकि, पहले क्रेडिट सुईस ने उम्मीद जताई थी कि कीमतें 2500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं और अब अपना अनुमान घटा दिया है। यानी क्रेडिट सुईस मानता है कि आने वाले वक्त में सोने की कीमतें में बढ़ोतरी होगी।

कोरोना काल में सोना बना वरदान

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।

MCX MONEY

Neal Bhai has been involved in the Bullion and Metals markets since 1998 – he has experience in many areas of the market from researching to trading and has worked in Delhi, India. Mobile No. - 9899900589 and 9582247600

Leave a Comment