सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने कई जियो पॉलिटिकल चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2023 में रफ्तार बनाकर रखी और इसे वित्त वर्ष 24 में आगे बढ़ाया. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में भारत की रियल GDP ग्रोथ 8.2% रही है, जो वित्त वर्ष 24 की चार में से तीन तिमाहियों में 8% से ज्यादा थी
- FY24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2% की ग्रोथ से बढ़ी
- FY24 में ऊंची ग्रोथ पिछले दो वित्त वर्षों में 9.7% और 7% की ग्रोथ रेट के बाद आई
- FY25 में रियल GDP ग्रोथ के 6.5-7% के बीच रहने का अनुमान जताया गया है
- मुख्य महंगाई दर काफी हद तक काबू में है, हालांकि कुछ खाद्य पदार्थों की महंगाई दर ऊंची है
- FY23 की तुलना में FY24 में व्यापार घाटा कम था, और चालू खाता घाटा (CAD) GDP का लगभग 0.7% है
- पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले FY23 में वित्तीय घाटा GDP का 1.6 परसेंट प्वाइंट बढ़ा
- FY24 में सरकारी खर्च FY21 में 17.7% से घटकर GDP का 15% हो गया
- FY24 में कॉन्सटैंट प्राइस पर कुल टैक्स 19.1% बढ़ा
- Gold and Silver Prices Today on 22-07-2024
- MCX Gold fell 370 Points as Expected, Made a Profit of 74,000 in 2 lots [19 JULY, 2024]
- हेज फंड्स का सोने पर तेजी का दांव चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा
- FIIs ने 1,506 करोड़ रुपये खरीदे, नतीजों के बाद विप्रो एडीआर में 7% की गिरावट
- MCX Gold fell 350 Points as Expected, Made a Profit of 70,000 in 2 lots
बढ़ती महंगाई से चतुराई से निपटा गया
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कैपेक्स पर सरकार के जोर और लगातार बढ़ते निजी निवेश ने पूंजी निर्माण को बढ़ावा दिया है. FY24 में रियल ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन में 9% की ग्रोथ देखने को मिली है.
वैश्विक तनाव, सप्लाई चेन की चिंताओं और मॉनसून की अनिश्चितता से महंगाई पर पड़ने वाले दबाव को प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी से चतुराई से निपटा गया है. यही वजह रही है कि FY23 में औसत 6.7% के बाद, रिटेल महंगाई FY24 में घटकर 5.4% हो गई.
चालू खाता घाटा में सुधार
- वैश्विक और सप्लाई चेन की चिंताओं, मॉनसून की अनिश्चतता से महंगाई पर दबाव
- प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी से महंगाई के संकट से चतुराई से निपटा गया
- FY23 में औसत 6.7% के बाद, रिटेल महंगाई FY24 में घटकर 5.4% हो गई
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वस्तुओं की दुनिया भर में डिमांड में सुस्ती देखने को मिली है, जिसकी वजह से बाहरी संतुलन पर दबाव पड़ा है. लेकिन इसको बेहतर तरीके से मैनेज किया गया है. मजबूत सर्विसेज एक्सपोर्ट ने इसे काफी हद तक संतुलित कर दिया है. – FY24 के दौरान चालू खाता घाटा (CAD) GDP का 0.7% रहा है. जो कि जो कि FY23 के दौरान 2% था, ये इस बात की ओर इशारा करता है कि चालू खाता घाटा में काफी हद तक सुधार हुआ है
- FY24 के दौरान चालू खाता घाटा (CAD) GDP का 0.7% रहा है
- जो कि FY23 के दौरान रहे 2% के चालू खाता घाटा से सुधार को दर्शाता है