दिवाली में शॉपिंग से पहले जानिए – 24, 22 और 18 करैट सोना , क्या होता है

जब ज्वेलरी खरीदे या बेचे जाते हैं, तब कीमत को कैलकुलेट करने से पहले शुद्धता का ही विश्लेषण किया जाता है. Gold की कीमत उसके शुद्धता से निर्धारित होता है, जिसे कैरेट में मापा जाता है. बराबर वजन के दो टुकड़ों को कैरेट के आधार पर ही अलग-अलग मूल्य दिया जाता है. सोने का शुद्ध रूप 24 कैरेट (99.99 फीसदी) होता है. हालांकि, 24 कैरेट सोना नरम होता है और उसका आकार बिगड़ सकता है. मजबूती और डिजायनिंग के लिए उसमें अन्य धातुओं को मिश्रित किया जाता है. इससे सुंदर डिजाइन तैयार करने में मदद मिलती है.

कैरेट जितना अधिक होगा, सोने का ज्वेलरी उतना ही महंगा होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि हाई कैरेट का मतलब है कि ज्वेलरी में सोना अधिक है और अन्य धातुएं कम. सोने की शुद्धता के बारे में कुछ अन्य बुनियादी चीजों को समझने के लिए यहां एक सरल गाइड पेश है.

मेलोरा के मर्चेडाइजिंग एंड ऑपरेशंस हेड सुलभ अग्रवाल सोने की शुद्धता के बारे में बता रहे हैं, ताकि धनतेरस पर आपको सोना खरीदने में आसानी हो सके:

24 कैरेट सोना

यह शुद्ध सोना है और संकेत देता है कि सभी 24 भाग शुद्ध हैं और इसमें अन्य धातुएं नहीं मिली हैं. इसका रंग साफ रूप से उज्‍जवल पीला होता है और यह अन्य किस्मों की तुलना में ज्यादा महंगा होता है. ज्यादातर, लोग इतने कैरेट के सोने को सिक्कों या बार के रूप में खरीदना पसंद करते हैं.

22 कैरेट सोना

इसका तात्पर्य है कि आभूषण में 22 भाग सोना है और शेष 2 भाग में अन्य धातुएं हैं. इस प्रकार का सोना आभूषण बनाने में प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह 24 कैरेट सोने से अधिक कठोर होता है. हालांकि, नगों से जड़े ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट सोने को प्राथमिकता नहीं दी जाती है.

18 कैरेट सोना

यह श्रेणी 75 फीसदी सोना और 25 फीसदी तांबा और चांदी वाली होती है. यह बाकी दो कटेगरी की तुलना में कम महंगी है और इसका इस्तेमाल स्टड और हीरे के ज्वेलरी बनाने में किया जाता है. इसका रंग हल्का पीला होता है. सोने का फीसद कम होने के कारण, यह 22 या 24 कैरेट श्रेणियों की तुलना में मजबूत होता है. इसलिए लाइटवेट और ट्रेंडी ज्वैलरी बनाने और सादे डिजायन तैयार करने में इसका उपयोग किया जाता है. समान डिजायन तैयार करने में, कम कैरेट का सोना उच्च कैरेट विकल्प की तुलना में कम वजन वाला होता है. इस सोने का कीमत कम होता है, क्योंकि 18 कैरेट में सोने का घटक कम होता है. इसके कारण ज्वेलरी हल्के, किफायती और अधिक टिकाऊ होते हैं.

14 कैरेट सोना

यह कटेगरी 58.5 फीसदी शुद्ध सोने और शेष अन्य धातुओं की होती है. यह भारत में ज्यादा चलन में नहीं है.

सोने के रंग

ज्वेलरी बनाते समय मिश्र धातु की संरचना को बदलकर सोने को अन्य रंग भी दिए जा सकते हैं. कुछ रंग इस प्रकार हैं

गुलाबी सोना : मिश्र धातु संरचना (एलॉय स्ट्रक्चर) में अधिक तांबा जोड़कर गुलाबी सोना बनता है.

हरा सोना : मिश्र धातु संरचना में अधिक जस्ता और चांदी जोड़कर बनाया जाता है.

सफेद सोना : मिश्र धातु संरचना में निकल या पैलेडियम जोड़कर बनाया जाता है.

जो लोग अपने ज्वेलरी को आकर्षक बनाना चाहते हैं, लेकिन कीमत भी किफायती रखना चाहते हैं, उनके लिए 18 कैरेट सोने के ज्वेलरी उपयुक्त रहते हैं. पश्चिमी देशों में 9 या 10 कैरेट के ज्वेलरी लोकप्रिय हैं,

लेकिन भारतीय ग्राहक 22 कैरेट को शुद्ध सोने के रूप में लेते हैं. हालांकि, आधुनिक महिलाओं की ज्वैलरी संबंधी प्राथमिकताओं में बदलाव आया है, जिससे कम-कैरेट वाले सोने के रूप में 18 कैरेट का चलन बढ़ रहा है. ऐसे आभूषण ट्रेंडी होते हुए भी किफायती रहते हैं, जो 3000 रुपये से शुरू होता है.

शुद्धता का निशान

हॉलमाक्र्ड ज्वेलरी वे हैं, जिनमें सोने की मात्रा का मूल्यांकन किया गया हो और शुद्धता के अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया गया हो. यह मार्क भारतीय मानक ब्यूरो (BIAS) द्वारा दिया जाता है. बीआईएस हॉलमार्क के विभिन्न भाग इस प्रकार हैं.

बीआईएस स्टेंडर्ड मार्क का लोगो. फिनेस मार्क जो सोने के कैरेट को दर्शाता है. यह 1000 भागों में सोने की मात्रा को प्रदर्शित करता है. उदाहरण के लिए, 750 का मतलब है 18 कैरेट सोना.

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Neal Bhai has been involved in the Bullion and Metals markets since 1998 – he has experience in many areas of the market from researching to trading and has worked in Delhi, India. Mobile No. - 9899900589 and 9582247600

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