मुंबई.देश में सोने के भाव में गिरावट का दौर जारी है। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका-चीन ट्रेड वाॅर, डॉलर का मजबूत होना और सोने की मांग कमजोर होना है। डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने के बावजूद बीते डेढ़ महीने में सोने के दामों में करीब 4.33% की गिरावट दर्ज की गई है। इससे सोने में निवेश करने वाले लोग निराश हुए हैं। बाजार विश्लेषकों और कारोबारियों के मुताबिक, अभी एक महीने तक सोने के भाव लगभग स्थिर रहने की उम्मीद है।
अगस्त अंत तक या सितंबर से सोना फिर महंगा हो सकता है। — दिसंबर तक भाव 31,500 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच सकता है, जबकि वर्तमान में 22 कैरेट सोने का भाव 29,722 रुपए प्रति 10 ग्राम है। खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और बेहतर मानसून के कारण भी साल की दूसरी छमाही (जुलाई से दिसंबर) में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। गांवों में अधिक मांग रहेगी। 2017 की दूसरी छमाही की तुलना में इस साल दूसरी छमाही में बिक्री 25 प्रतिशत बढ़ सकती है। देश में सालाना 800-850 टन सोने की खपत रहती है, जिसमें ग्रामीण भारत की हिस्सेदारी 60% रहती है।
Watch Free Video : Gold Silver Update By Neal Bhai YouTube Channel 17 July, 2018
अमीर निवेशकों और किसानों की तरफ से मांग कमजोर:ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से सोने के भाव में गिरावट आई है। पूरे देश में बारिश हुई है, जो खरीफ फसलों के लिए काफी अच्छी है।
खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ने से भी गांवों से ज्यादा पैसा आएगा। इससे अगस्त अंत से डिमांड बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर अधिक बारिश से फसल बर्बाद नहीं हुई तो इस साल की दूसरी छमाही में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में सोने की मांग में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। अभी अमीर निवेशकों और किसानों की तरफ से इसकी मांग कमजोर बनी हुई है। हालांकि, शादियों के लिए मध्यम वर्ग की तरफ से लगातार गोल्ड की खरीदारी हो रही है।
20 अगस्त के बाद से भाव में तेजी की उम्मीद: केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया के मुताबिक, पांच-छह माह पूर्व हम उम्मीद कर रहे थे कि सोना 30500 तक आएगा और फिर वहां से तेजी आएगी।
ऐसी उम्मीद का कारण था जियो पॉलिटिकल टेंशन। जियो पॉलिटिकल टेंशन पहली छमाही में बढ़े थे जो अब खत्म हो गए हैं। जैसे अमेरिका का है इसके कारण भी सोने की रूस, नॉर्थ कोरिया और मिडिल ईस्ट के साथ। अमेरिका का चीन के साथ ट्रेड वाॅर बढ़ा तो सोना बढ़ा नहीं, टूट गया। क्योंकि चीनी आयात करीब-करीब खत्म हो गया।
इसके साथ ही वैश्विक रूप से इक्विटी बाजार में तेजी दर्ज की गईओर निवेशकों का ध्यान ही नहीं गया। घरेलू बाजार में भी डॉलर के तेजी से मजबूत होने के कारण रुपए की कीमत में गिरावट आई। रुपए में गिरावट का असर यह रहा कि सोने के भाव भारत में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले कम गिरे और सोना 29700 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर से नीचे नहीं आया। पिछले सात महीने में रुपया 60 फीसदी गिरा है। 20 अगस्त के बाद से सोने के भाव में तेजी देखने को मिल सकती है और सोना 31500 के स्तर पर पहुंच सकता है साथ ही नीचे के लेवल में 29 हजार रुपए से नीचे नहीं जा सकता है।
अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वाॅर का असर चांदी के दामों पर भी:विशेषज्ञ भार्गव वैद्य के मुताबिक, अमेरिका-चीन के ट्रेड वाॅर के कारण इन्वेस्टमेंट डिमांड भी घटी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव अभी महीनेभर कमोबेश इसी दायरे में रहेगा। अगस्त अंत से भावों में सुधार की शुरुआत हो जाएगी।
भारत में मानसून बेहतर होने के कारण भी डिमांड आएगी, सितंबर से सोने की मांग और तेजी से बढ़ेगी। रिद्धि-सिद्धि बुलियन के प्रमुख पृथ्वीराज कोठारी ने बताया कि अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वाॅर के कारण सिर्फ सोना ही नहीं, चांदी बेस मेटल आदि के दाम भी कम हुए हैं। 8 से 13 अगस्त तक मुंबई में होने वाले ज्वैलरी शो में थोक की खरीदी होती है जिसमें व्यापार के लिए सोने की खरीद होती है, ज्वैलर्स दीपावली तक की आवश्यकता के हिसाब से सोना खरीद लेते हैं। इसलिए भारत में सोने के भाव और नीचे जाने की संभावना कम है। हाल ही में प्रकाशित वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मिड-इयर आउटलुक 2018 रिपोर्ट के अनुसार…
सोने के दाम में हाल में आई गिरावट से इसकी मांग को सपोर्ट मिलेगा। जब भी सोने की कीमत कम होती है, ज्वैलरी की खरीदारी बढ़ जाती है। निवेशकों के लिए भी सोना आकर्षक लेवल पर ट्रेड कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल ग्रोथ के अनियमित होने, ट्रेड वॉर और करंसी पर उसके असर के साथ महंगाई दर में बढ़ोतरी से 2018 की दूसरी छमाही में सोने को सपोर्ट मिल सकता है।
42 दिन के भाव
दिनांक | बाजार भाव | एमसीएक्स |
27 जुलाई | 29,722 | 29,780 |
16 जुलाई | 30,172 | 30,080 |
05 जुलाई | 30,467 | 30,650 |
25 जून | 30,540 | 30,657 |
15 जून | 31,068 | 31,010 |