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1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद टैली यूजर्स को इनवॉइस जनरेट करने में आसानी होगी। इसके लिए टैली ने जीएसटी सॉफ्टवेयर का अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया है। इस सॉफ्टवेयर का नाम है टैली ईआरपी रिलीज 6।टैली यूजर्स इस सॉफ्टवेयर के बीटा वर्जन का इस्तेमाल फ्री में कर पाएंगे जबकि पुराने यूजर्स को इसके लिए 3,000 रुपए खर्च करने होंगे। वहीं नए यूजर्स को ये सॉफ्टवेयर 18 हजार रुपए में मिलेगा।
इस सॉफ्टवेयर के खासियत की बात की जाएं तो इससे पहले दिन से ही जीएसटी का इस्तेमाल आसान हो जायेगा। जीएसटी के तहत इनवॉइस मैच करने की सुविधा मिलेगी ही साथ में जीएसटीएन के जरिए डाटा इंपोर्ट की सुविधा दी जाएगी।
जीएसटी को नाम दिया जा रहा है सबसे बड़े टैक्स सुधार का। कहा यही जा रहा है कि इससे टैक्स की प्रक्रिया सरल होगी लेकिन कारोबारियों की मानें तो जीएसटी युग में बिलिंग की प्रक्रिया आसान नहीं जटिल हो जाएगी।
अवनींद्र सिंह देश की राजधानी दिल्ली के नेहरू प्लेस में कंप्यूटर होलसेल मार्केट में कारोबार करते हैं। सोचा था जीएसटी से बिलिंग और टैक्स से जुड़े झंझटों से छुटकारा मिलेगा। लेकिन अब इन्हें लग रहा है कि बिलिंग का बवाल तो बढ़ने वाला है।
कुछ यही हाल ऑटोमोबाइल कारोबारी महेंद्र अरोड़ा का भी है। फिलहाल सीधे सपाट ढंग से कुल राशि पर 12.5 फीसदी का टैक्स वसूल लेते थे लेकिन जीएसटी में हर सामान पर टैक्स अलग-अलग जोड़ना होगा।
हालांकि इससे पहले भी वैट रेट अलग-अलग रहे हैं। मगर एक इंडस्ट्री के रिटेलर के लिए अधिकतर सामान पर टैक्स का रेट एक ही रहा है। दिक्कत सिर्फ कारोबारियों को नहीं खरीदारों को भी हो सकती है क्योंकि उनके लिए भी अलग-अलग चीजों पर अलग-अलग टैक्स को समझना जटिल होगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने महानायक अमिताभ बच्चन को बेवजह जीएसटी को लेकर विवादों में घसीट लिया है। निरुपम ने कहा है जीएसटी को लेकर लोगों में नाराजगी है। ऐसे में अमिताभ बच्चन जीएसटी का प्रचार बंद कर देना चाहिए। बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को जीएसटी का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। जीएसटी से जुड़े कई सरकारी विज्ञापनों में भी अमिताभ उसका प्रमोशन करते नजर आते हैं।
जीएसटी की उलझनें, कहां पाएं समाधान!
वित्त मंत्री ने कहा है कि 30 जुलाई आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में पूरे धूम-धाम से जीएसटी की लॉन्चिंग होगी, ठीक उसी अंदाज में जैसे 14 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि में भारत की आजादी की घोषणा हुई थी। इस जलसे में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर तमाम वीवीआईपी शामिल होंगे। लेकिन क्या कारोबारी भी जश्न मनाएंगे? क्या इस बड़े टैक्स रिफॉर्म को लेकर कारोबारियों की तमाम उलझनें सुलझ गई हैं? अगर नहीं तो फिर क्या है इसका रास्ता? इन तमाम पहलुओं पर बात करने के लिए आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ हैं जीएसटी का दिमाग कही जाने वाली संस्था जीएसटीएन के चेयरमैन नवीन कुमार, कारोबारियों का पक्ष रखेंगे सीएआईटी के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल और इंडस्ट्री की चिंता आप सबके सामने रखेंगे, खेतान एंड कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर दिनेश अग्रवाल।
जीएसटीएन यानि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स नेटवर्क आईटी बुनियादी ढांचा और सेवाएं देने वाली कंपनी है। जीएसटी का सारा डाटा जीएसटीएन के पास रहेगा। जीएसटीएन में केंद्र सरकार की 24.5 फीसदी, राज्य सरकारें एवं ईसी यानि राज्य के वित्त मंत्रियों की एंपावर्ड कमिटी की 24.5 फीसदी, एचडीएफसी की 10 फीसदी, एचडीएफसी बैंक की 10 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक की 10 फीसदी, एनएसी स्ट्रैटेजिक इंवेस्टमेंट कंपनी की 10 फीसदी और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लि. की 11 फीसदी हिस्सेदारी है।
जीएसटीएन के कार्यों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रेशन का अप्रूवल, असेसमेंट, रिटर्न, पेमेंट, रिफंड, ऑडिट और निगरानी, न्यायिक निर्णय, रिकवरी, विश्लेषण, हेल्पडेस्क सपोर्ट और आईजीएसटी सेटलमेंट शामिल है।
जीएसटीएन के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा की जीएसटीएन वो सभी प्रारंभिक कार्रवाई कर चुका है जो जीएसटी के रोल आउट के लिए किया जाना चाहिए था। देश के 80 लाख कर दाताओं में से 66 लाख कारदाताओं ने जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है। बाकी लोगों के माइग्रेशन के लिए जीएसटीएन का पोर्टल 25 जून से फिर खुलेगा। नये करदाताओं का का रजिस्ट्रेशन भी 25 जून से ही शुरू होगा।
30 जून की रात 12 बजे लॉन्च होगा जीएसटी
30 जून की रात 12 बजे जीएसटी लॉन्च होगा। संसद के सेंट्रल हाल में होने वाले भव्य आयोजन में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे। इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच डी देवगौड़ा भी शामिल होंगे। सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों के अलावा मुख्यमंत्रियों को भी शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस हफ्ते केरल में भी जीएसटी बिल पास हो जाएगा साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी इसे जल्द मंजूरी मिल जाएगी। पिछली कई केंद्र सरकारों और राज्य सरकारों की अहम भूमिका रही है, ये रिफॉर्म स्टेप बेहतरी के लिए होगा। अब तक जीएसटी में 65 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
घर खरीदार जीएसटी पर कंफ्यूज, चिट्ठी से परेशान
अभी कीजिए पूरा पेमेंट नहीं तो जीएसटी लागू होने के बाद ज्यादा देना होगा। बिल्डर ये जुमले फेंक कर घर खरीदारों को डरा रहे हैं, लेकिन सरकार ने यकीन दिलाया है कि जीएसटी युग में घरों की कीमत नहीं बढ़ेगी।
पुनीत परेशान हैं, बिल्डर ने चिट्ठी लिखी है कि अभी करो पूरा भुगतान नहीं तो ज्यादा लगेगा टैक्स। ये हाल तब है जब पुनीत 90 फीसदी पेमेंट कर चुके हैं। दरअसल अभी घर खरीदने पर 4 फीसदी के करीब टैक्स देना होता है लेकिन इस पर 12 फीसदी जीएसटी तय हुआ है। इसी को लेकर बिल्डर घर खरीदारों को डरा रहे हैं। लेकिन सरकार बिल्डरों के इस तर्क को गलत बता रही है। सरकार तो बिल्डरों से कह रही है वो इनपुट क्रेडिट से होने वाले फायदे को घर खरीदारों तक बढ़ाएं।
लेकिन बिल्डरों की दलील है कि उन्हें इनपुट क्रेडिट सिर्फ 12 महीनों के लिए मिलेगा जबकि काफी पुराने भुगतान भी बाकी हैं, तो बिल्डरों का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद एक साल से पुराने पेमेंट पर वो ग्राहकों को कोई लाभ नहीं दे पाएंगे। साफ है इस मामले में बिल्डर और सरकार एक पेज पर नहीं है। ऐसे में घर खरीदारों का परेशान होना लाजिमी है।
18% जीएसटी लगने से टेलीकॉम कंपनियां नाराज
जीएसटी की दर में राहत न मिलने के बाद अब टेलीकॉम कंपनियां जीएसटी लागू होने के साथ ही लाइसेंस फीस खत्म करने की मांग कर रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही टेलीकॉम कंपनियों की संस्था पीएमओ, वित्त मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय को चिट्ठी लिखने जा रही हैं।
टेलीकॉम कंपनियों की मांग है कि जीएसटी लागू होने पर लाइसेंस फीस खत्म हो, अलग से लाइसेंस फीस लगाना कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ है। 18 फीसदी जीएसटी उचित नहीं है। बता दें कि 22 जून को वित्त और दूरसंचार मंत्री के साथ इस मुद्दे पर बैठक संभव है। फिलहाल टेलीकॉम कंपनियों पर 4.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
एग्री कमोडिटी में हल्दी को छोड़कर मसालों में लगातार तीसरे दिन गिरावट आई है। सोयाबीन और सरसों में कारोबार के शुरुआत से ही दबाव है। मसालों में जीरे में भी गिरावट पर कारोबार हो रहा है। कैस्टर, ग्वार, कॉटन और कपास खली में भी बिकवाली हावी है।
एमसीएक्स पर कॉटन का जुलाई वायदा 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ 19950.00 रुपये के भाव पर नजर आ रहा है जबकि कच्चे तेल में रिकवरी के साथ 1.02 फीसदी बढ़कर 2769.00 रुपये के स्तर पर कामकाज कर रहा है। वहीं एग्री कमोडिटी में रिफॉइड सोया तेल 0.21 फीसदी की बढ़त के साथ 625.7 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
इस बीच देर से ही सही मॉनसून आज मध्यप्रदेश पहुंच गया। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून पूर्वी मध्य प्रदेश में दस्तक चुका है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। पूर्वी मध्यप्रदेश के अलावा आज पश्चिमी मध्यप्रदेश के भी कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई। इसके साथ मॉनसून छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के भी बाकी इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है।
अमेरिका में भंडार बढ़ने से कच्चे तेल में लगातार गिरावट देखने को मिली है। कल के कारोबार में कच्चा तेल 3 फीसदी फिसल गया। फिलहाल ब्रेंट क्रूड में 0.3 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है, लेकिन भाव अभी भी 45 डॉलर के नीचे ही बना हुआ है। नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.4 फीसदी उछलकर 42.7 डॉलर पर नजर आ रहा है।
कमजोर डॉलर से सोने को सहारा मिला है। कॉमैक्स पर सोने का भाव 0.5 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 1253.5 डॉलर पर पहुंच गया है। चांदी 1.25 फीसदी मजबूत होकर 16.6 डॉलर पर कारोबार कर रही है।